![](https://i9.dainikbhaskar.com/thumbnails/680x588/web2images/www.bhaskar.com/2020/01/07/esper_1578369330.jpg)
वॉशिंगटन/बगदाद. अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा है कि अमेरिकी सेना अभी इराक नहीं छोड़ेगी। इराकी संसद ने एक दिन पहले ही अमेरिकी सेना को इराक छोड़ने के लिए कहा था। इसके बाद मीडिया में इराक में तैनात अमेरिकी ब्रिगेडियर जनरल विलियम सिली का पत्र वायरल हुआ। इसमें इराक सरकार से कहा गया था कि हम आपकी स्वायत्ता की कद्र करते हैं और जल्द सेनाओं को वापस बुलाएंगे।
चिट्ठी में आगे क्या?
ब्रिगेडियर सिली ने आगे लिखा, “इराकी संसद की मांग के मुताबिक, इराक की स्वायत्ता की कद्र करते हुए हम आने वाले दिनों में अपनी सेना की पोजिशन बदलेंगे। सैनिकों को ले जाने के लिए हम रात में हवाई यात्राएं बढ़ाएंगे, ताकि उन्हें इराक से सुरक्षित बाहर ले जाया जा सके। इससे यह नजरिया खत्म होगा कि हम ग्रीन जोन (इराक स्थित मौजूदा अमेरिकी बेस) पर सेना बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं।
BREAKING: The US military sends a letter to the Iraqi military announcing the “onward movement” of US troops “in due deference to the sovereignty of Iraq & as requested by the Iraqi Parliament & the Iraqi PM”. It’s a withdrawal. pic.twitter.com/tQHSsHTtez
— Liz Sly (@LizSly) January 6, 2020
ऐसी चिट्ठी लिखना एक गलती थी: ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ
इस वायरल चिट्ठी पर एस्पर ने कहा कि अभी हमने इराक छोड़ने पर कोई फैसला नहीं लिया है। हमें नहीं पता कि यह पत्र क्या है और कहां से आया है। लेकिन हम इराक नहीं छोड़ रहे। उनके बाद अमेरिकी सेना के सबसे बड़े अफसर ‘ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ’ जनरल मार्क माइली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि यह चिट्ठी गलती से बाहर आ गई। उन्होंने कहा कि चिट्ठी की ड्राफ्टिंग ठीक से नहीं हुई। इसे साइन नहीं किया जाना था। जनरल माइली ने कहा कि अमेरिकी सेना अभी इराक नहीं छोड़ेंगी।
इराक के साथ वार्ता की कोशिश जारी: जनरल माइली
जनरल माइली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि अमेरिकी सेना को बाहर करने के मुद्दे पर इराक के साथ बातचीत जारी है। बताया गया है कि असम में इराक में तैनात अमेरिकी जनरल ने जो चिट्ठी लिखी थी- उसमें यह बताया गया था कि उनकी सेना जल्द ही ग्रीन जोन (मौजूदा अमेरिकी बेस) छोड़ देगी और कहीं और नया बेस बनाएगी। हालांकि, पत्र की भाषा कुछ इस तरह थी कि इसे अमेरिकी सेना के इराक से निकलने से जोड़कर देख लिया गया।
इराक में इस्लामिक स्टेट का सामना करने के लिए तैनात थी अमेरिकी सेना
इराक में फिलहाल अमेरिका के करीब 5 हजार सैनिक हैं। इन्हें 2014 में सीरिया और इराक में इस्लामिक स्टेट के बढ़ते खतरे को देखते हुए भेजा गया था। अमेरिका के अलावा कोलिशन फोर्सेज (गठबंधन सेनाओं) में ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के सैनिक भी मौजूद हैं। इनका मुख्य मकसद इराकी सेना को युद्ध की तकनीक सिखाना और हथियार मुहैया कराना था।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2ZUMO3Y
via IFTTT Dainik Bhaskar,,327
0 Comments