भाजपा-अजित पवार को फ्लोर टेस्ट की फिक्र नहीं, तीनों विपक्षी दलों को अपने विधायकों के पाला बदलने का डर

मुंबई से चंद्रकांत शिंदे. महाराष्ट्र में शुक्रवार और शनिवार को जमकर पॉलिटिकल ड्रामा हुआ। इसके बाद राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना ने अपने विधायकों को लामबंद कर लिया। इन्हें होटलों में रखा गया है और पार्टियों का शीर्ष नेतृत्व उनसे सीधे संपर्क में है ताकि कोई भी विधायक पाला न बदले। हालांकि, भाजपा ने अपने विधायकों पर किसी भी तरह की बंदिश नहीं रखी है। उसके एक विधायक ने तो राकांपा प्रमुख शरद पवार से भी मुलाकात कर ली। कुछ अन्य भाजपा विधायक राकांपा विधायकों से बातचीत करते दिखे। भाजपा को फ्लोर टेस्ट होने की स्थिति में फ्लोर मैनेजमेंट के जरिए 170 विधायकों का समर्थन जुटा लेने का अभी भी भरोसा है। वहीं, अजित पवार खुलकर सामने नहीं आ रहे, लेकिन उनके खेमे को यकीन है कि तकनीकी पहलुओं की वजह से फ्लोर टेस्ट की स्थिति में राकांपा विधायकों पर उनका ही व्हिप माना जाए।

क्या भाजपा ने शरद पवार से समर्थन मांगा?
भाजपा के संजय काकडे ने शरद पवार के घर जाकर उनसे मुलाकात की और लंबी देर तक चर्चा की। बताया जा रहा है कि इस दौरान भाजपा की तरफ से पवार से समर्थन मांगा गया। हालांकि, दोनों ही दल इसकी पुष्टि नहीं कर रहे।

भाजपा के पास अजित पवार का पत्र
शनिवार सुबह शपथ ग्रहण के वक्त अजित पवार के साथ मौजूद विधायक शाम को शरद पवार के पास लौट गए। लेकिन इसके बावजूद भाजपा नेताओं का कहना है कि हम फ्लोर टेस्ट में 170 के आसपास विधायक जुटाकर राज्य में आराम से सत्ता बचा लेंगे। अजित पवार ने हमें 54 विधायकों के समर्थन का पत्र दिया था। यह पत्र हमारे पास है। यही फ्लोर टेस्ट और व्हिप का मूल आधार होगा। शिवसेना को जिन निर्दलीय विधायकों ने समर्थन दिया था, वे भी हमारे पास आ सकते हैं। इसलिए हमें अब कोई चिंता नहीं है।

अजित पवार खेमे को भरोसा, व्हिप उनका ही चलेगा
अजित पवार की जगह जयंत पाटिल राकांपा विधायक दल के नेता चुन लिए गए हैं। लेकिन बगावती धड़े को भरोसा है कि व्हिप जारी करने का अधिकार अजित पवार के पास ही रहेगा। इसकी वजह यह है कि पार्टी विधायकों की बैठक में अजित नेता चुने गए थे। वह पत्र राज्यपाल के पास और विधानसभा भवन में पहले ही पहुंच चुका है। इस वजह से फ्लोर टेस्ट के वक्त विधानसभा अध्यक्ष अजित पवार के व्हिप को ही तवज्जो देंगे। अजित पवार के धड़े का कहना है कि जयंत पाटिल का चयन तकनीकी तौर पर मान्य नहीं होगा, क्योंकि राकांपा विधायक दल का नया नेता चुने जाने के लिए बैठक विधायक दल के तत्कालीन नेता अजित पवार ने नहीं, बल्कि पार्टी अध्यक्ष ने बुलाई थी। अजित पवार की उस बैठक से गैरमौजूदगी उनके फायदे में रह सकती है। शरद पवार खेमे में अब यह चर्चा चल रही है कि इस तरह का तकनीकी मुद्दा सामने आने पर इससे किस तरह निपटा जाए।

शिवसेना के नेता भी राकांपा विधायकों पर नजर रख रहे
शरद पवार ने अपने सभी विधायकों को मुंबई के एक पांच सितारा होटल में एकसाथ रखा है। यहां शिवसेना के नेता भी मौजूद थे, जिन्होंने रातभर राकांपा विधायकों पर नजर रखी। शिवसेना ने भी अपने विधायकों को पांच सितारा होटल में भेज दिया। कांग्रेस भी नहीं चाहती कि उसके विधायकों में किसी तरह की टूट हो। सुबह भी शरद पवार होटल में जाकर विधायकों से मिले और उनसे बातचीत की।



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शनिवार सुबह शपथ ग्रहण करने के बाद देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार। - फाइल


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